Wednesday 3 October 2012

सरल सृजन


अधूरापन रखता है 
हमेशा दूसरो के लिए 
कुछ करने योग्य 

अधूरे प्रेम ने ही रची हैं सुन्दरतम प्रेम कृतियाँ 

ये है 
बस यही है 
सरल सृष्टि का सबसे कलात्मक सृजन

उम्मीदें

उम्मीदों के
बंद दरवाजो 
को खोल कर 
जब भी झाँका 
तुम्हारी 
'उस' खिड़की की ओर
हमेशा बंद नजर आई है 
क्यों ???

अबूझा

थे कुछ उनींदे से हम...
अबूझे इक सवाल ने... 
झकझोर कर जगाया हमे 
सवाल भी सवाल करने... 
रख कमर पर हाथ... 
खड़ा हो गया... 
बोला...
मेरा क्या ???