Wednesday 15 May 2013

पहुँच...



चेहरों को टटोल कर देखना चाहती मैं... और उसके लिये  किसी के पास तक जाना होगा... किसी और तक पहुचने के लिए... उसे पाने तक आने का रास्ता देना होगा... और रास्ता देने का मतलब... खोलने होंगे दिल के दरवाजे... हैंडल हाथो में हैं... पर खींचने के लिए चाहिए हिम्मत... और हिम्मत हार जाती हूँ मैं... तुम्हारे बिना... हाँ... तुम्हारे बिन तुम तक ही नही पहुच सकती.......