Thursday 25 April 2013

रंग धूप के


मेरा नाम का भी तो कोई रंग होगा...न न...गहरे रंग नही फबते मुझ पर....हलके ही चाहिए...

मगर...हलके रंग कच्चे होते हैं...उड़ जाते हैं...जरा देर धूप में रख दो तो....फिर...सोचती हूँ...अब की बार...धूप को ही आजमाऊ....कई शेड में मिल जाएगी न....पर्स की पिछली जेब में सहेज कर रख लुंगी....और...जब उदासी घेरेगी....थोडा सा धूप  का रंग मल दूंगी....चेहरे पर...मगर...सोचती हूँ ...दिन ढलने के बाद क्या होगा...

18/03/13